निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

टूट से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।

इन पंक्तियों से आशय है कि जिस तरह धागे के एक बार टूटने पर उसे जोड़ने पर गांठ आ जाती है, उसी प्रकार प्रेम संबंध में अगर एक बार दरार आ जाए तो वह पहले के समान कभी नहीं हो सकता। रिश्ते में अगर एक बार खटास आ जाए तो उसमें पहले जैसी मधुरता, मिठास और विश्वास नहीं रहते।


1